कहते हैं इंसान कानून की नजरों में जब कोई गलती करता है तो उसे सुधारने के लिए उसे जेल में बंद किया जाता है उसे सजा दी जाती है | ताकि वह सुधर जाए लेकिन अगर कानून को ऐसा लगता है कि सजा के बाद बावजूद वो नहीं सुधरता तो उसकी सजा बढ़ा दी जाती है | अगर आपको लगता है कि ऐसा लगता है कि सिर्फ इंसानों के साथ ऐसा होता है तो आप पूरी तरीके से गलत है क्योंकि कानून सबके लिए बराबर है फिर चाहे वो इंसान हो या जानवर कानून सबके लिए बराबर है | इंसानों को उम्रकैद की सजा तो आपने सुनी होगी, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इन दिनों एक बंदर का किस्सा सामने आया है , जिसे उम्रकैद की सजा मिली है |
यूपी के कानपुर जिले का है मामला :
मामला यूपी के कानपुर जिले में एक बंदर का है | जिसे उसके गलत कामों के कारण उम्रकैद की सजा मिली है | दरअसल इस बंदर के आरोप है कि इसने 250 से ज्यादा महिलाओं को अपना निशाना बना चुका है | महिलाओं और बच्चों को देखते ही उन्हें काटने को दौड़ पड़ता था | वह सिर्फ महिला और बच्चों को ही अपना शिकार बनाता था | इसकी करतूत के कारण मिर्जापुर के महिलाएं और बच्चे इसके नाम से दहशत खाते हैं | इसे मिर्जापुर से गिरफ्तार करके कानपुर के प्राणी उद्यान में पिंजरे में बंद कर दिया गया और पिछले पांच सालों से ये बंदर वहीं बंद है |
स्वभाव के चलते सजा बनी उम्रकैद :
5 साल से जेल में रहने बावजूद उसके स्वभाव में कोई स्वभाव कोई सुधार नहीं आया | जिस कारण अधिकारियों का मानना है कि उसे बाहर नहीं निकाला जा सकता उसकी ‘उम्रकैद’ की सजा बरकरार रहेगी | जबकि इससे आगे जेल से कई शैतान बंदरों को रिहा किया जा रहा है | लेकिन कालिया को रिहा नहीं किया जाएगा | वह ताउम्र कैद रहेगा |
कानपुर प्राणी उद्यान के पशु चिकित्सक डॉ. मोहम्मद नासिर ने बताया कि इस बंदर को खुले में बिल्कुल नहीं छोड़ा जा सकता क्योंकि उसके आगे के दांत बेहद खतरनाक हैं, वह जिसको काटता है | उसका पूरा मांस उखाड़ लेता है | आपको बता दें कि कालिया बंदर को एक तांत्रिक ने पाल कर रखा था | वह उसे खाने में मांस और पीने के लिए दारू देता था | जिस कारण उसका स्वभाव इतना हिंसक हो गया है और जब तांत्रिक की मौत हुई तो उसका रैवया लोगों के प्रति हिंसक हो गया |