अक्सर आपने भी ऐसा सुना होगा कहा जाता है कि स्त्री को समझना बहुत ही मुश्किल काम है ब्रह्मा जी ने नारी की ऐसी रचना की है जिससे वह स्वयं भी पूरी तरह से समझ नहीं पाते हैं इसी कारण इस रचना के दोष एवं गुण का परिणाम लगाना संभव है प्राचीन काल में भी बहुत से विद्यमान स्त्री के बारे में कई ग्रंथ लिखे हैं लेकिन यह भी उनके स्वभाव का संपूर्ण वर्णन नहीं कर सकते वैसे तो ऋषि मुनि ने स्त्रियों को घर की लक्ष्मी माना है किसी भी घर का वैभव उसकी शांति उस घर में रहने वाली स्त्री के चरित्र के अनुसार सिंगार के अनुसार ही समझा जाता है।
अक्सर सुनने में आता है, अगर घर को स्वर्ग बना सकती हैं तो वह क्षमता सिर्फ एक स्त्री के अलावा किसी के अंदर नहीं पाया जाता।
शास्त्रों से लेकर स्त्री के कई लक्षणों को कई गुणों को उनके चरित्र को लेकर काफी बातें बताई गई हैं और लिखी गई है कुछ ऐसे लक्षण होते हैं जिससे लोग भाग्यशाली होने का इशारा कहते हैं एक ऐसे ही प्राचीन ग्रंथ है जिसमें समुंद्र शास्त्र कहते हैं ऐसा ही एक प्राचीन ग्रंथ में समुंद्र शास्त्र के ग्रंथ के अनुसार मनुष्य के शरीर के अंगों की संरचना के आधार पर उसके स्वभाव और भविष्य के बारे में जानने की विधि बताई जाती है।
इस ग्रंथ के अनुसार स्त्री के सारे लक्षणों के बारे में जानना आसान हो जाता है वह स्त्री भाग्यशाली है या फिर उसके क्या लक्षण है वह सब प्राप्त हो जाते हैं जिनसे स्त्री के बारे में काफी कुछ जानने की कोशिश की जाती है आइए आपको भी बताते हैं कि भाग्यशाली इसलिए के कुछ ऐसे लक्षण होते हैं पिता के मुख्य समान मुख समुद्र शास्त्र के अनुसार अगर किसी पुरुष का मुख उसकी माता के समान हो और किसी स्त्री का मुख्य उसके पिता के समान हो तो अत्यंत शुभ और सौभाग्यशाली होती है ऐसी स्त्री कपट से रहित और परिवार को जोड़कर रखने वाली होती है जो लक्ष्मण जिस स्त्री की जीव लंबी रंग से लाल और कोमल हो तो वह मधुर वाणी बोलने वाली होती हैं,तथा ऐश्वर्य भागने वाली स्त्री होती है स्त्री के घर में होने से सुख समृद्धि वैभव की प्राप्ति हुआ करती है।
कहा जाता है कि अगर किसी भी स्त्री की जीवा काली होती है तो उस महिला को धन ही माना जाता है लक्ष्मी नासिक माना जाता है अत्यंत ही अशुभ माना जाता है अगर किसी भी स्त्री की नाक पर तिल हो तो उसे लोग यह कहते हैं कि यह अधिकतर सुख भोगने वाली स्त्री अर्थात नाक पर तिल होना अत्यंत अत्यंत शुभ लक्षण माना जाता है स्त्री के मुख गाल पर चमकती हुई नसों वाली ऐश्वर्या दिखता है तो उसे लोग अच्छा संकेत मानते हैं पुरुष का मुख्य स्त्री के मुख्य जैसा हो वह संतान हीन होता है चौकोर वाली महिला द्रुत मानी जाती है लंबी उंगली वाली स्त्री की उंगली लंबी हो अत्यंत दुर्बल माना जाता है जिसके अनुसार स्त्री लंबी उंगली वाली होती है वह एक दुर्लभ माना जाता है।
कुछ ऐसा भी कहा जाता है कि यदि कोई स्त्री बहुत ही अपने कार्य के अनुसार खुद को एक अच्छी संगति के अनुसार ढाल लेती है,तो वह एक घर की साक्षात लक्ष्मी मांगे मानी जाती है।और सुनने में यह भी आता है कि अगर जो भी औरत पैर की एड़ियों को चलते समय बजाते हैं वह स्त्री घर में आई हुई लक्ष्मी को भगा देती हैं, कुछ ऐसे ही छोटे-छोटे गुण वाली स्त्रियों को अशुभ माना जाता है,तो कुछ ऐसे ही छोटे-छोटे गुणवान औरतों को या फिर महिलाओं को घर के लिए शुभ माना जाता है, बहुत ऐसी मान्यताओं के अनुसार किसी को भाग्यशाली और सुख भोगने वाली स्त्री कहा जाता है। कुछ ऐसे भी गुण और आचरण होने की वजह से परिवार में शुभ और अशुभ दर्शाती हुई स्त्रियां दिखती हैं, जिसका एक अपना अपना संकेत समझना और उसे भाग्यशाली कहना एक अपना अनुभव होता है।
यह जानकारी धार्मिक आस्थाओं और लुल लोक मान्यताओं के आधार पर बताया गया है इसका कोई भी वैदिक परिणाम नहीं है समानता जन रुचि को ध्यान में रखकर यह प्रस्तुत किया गया है।